सोमवार, 30 सितंबर 2024

New Teachers Handbook _ Hindi_ IX _Kerala Hindi Reader IX

2024 ൽ SCERT പ്രസിദ്ധീകരിച്ച ഒമ്പതാം ക്ലാസ് ഹിന്ദി പാഠപുസ്തകത്തിൻറെ ടീച്ചർ ടെക്സ്റ്റ് പൂർണമായും ലഭിക്കാൻ താഴെയുള്ള ലിങ്കിൽ ക്ലിക്ക് ചെയ്യുക. 

New Teachers Handbook _ Hindi_ IX _Kerala Hindi Reader IX

मंगलवार, 20 फ़रवरी 2024

 എസ്.എസ്.എൽ.സി 2024 മോഡൽ ഹിന്ദി പരീക്ഷയിൽ പോസ്റ്റർ തയ്യാറാക്കാനുള്ള ചോദ്യവുമായി ബന്ധപ്പെട്ട രണ്ട് സാധ്യതകളാണ് ഇതോടൊപ്പം നൽകുന്നത് (ഉദാഹരണങ്ങൾ താഴെ ഇമേജ് ആയി നൽകിയിരിക്കുന്നു). ഇത് ചില സാധ്യതകൾ മാത്രമാണ്. ഓരോരുത്തരുടെയും കഴിവിനും ഭാവനയ്ക്കുമനുസരിച്ച് കൂടുതൽ സാധ്യതകൾ ഉണ്ടാകാം. വിലയിരുത്തുമ്പോൾ പോസ്റ്ററിന് പരിഗണിക്കാറുള്ള മൂല്യനിർണയ സൂചകങ്ങൾ ഇപ്രകാരമാണല്ലോ :

  • आशय समझकर संक्षिप्त वाक्यों में आकर्षक रूप-संविधान के साथ उत्‍तम पोस्टर तैयार किया है। (4)
  • पोस्टर के लिए आवश्यक उपर्युक्‍त विशेषताएँ एक हद तक विद्‌यमान हैं। (3)
  • पोस्टर की आवश्यक विशेषताएँ आंशिक रूप से हैं। (2)
  • पोस्टर तैयार करने का प्रयास किया है। (1)

മുകളിൽ കൊടുത്ത സൂചകങ്ങൾ വിശകലനം ചെയ്താൽ ഇക്കാര്യങ്ങൾ പോസ്റ്റർ രചനയിൽ പരിഗണിക്കേണ്ട സവിശേഷതകളാണെന്ന് മനസിലാക്കാം :

  • ചോദ്യം വായിച്ച് മനസിലാക്കിയിരിക്കണം
  • തന്നിട്ടുള്ള ഇൻപുട് സൂചനകൾ ഉത്തരത്തിൽ പ്രതിഫലിക്കണം (ഏതാണ് സന്ദർഭം, ആരാണ് സംഘടിപ്പിക്കുന്നത്, എപ്പോഴാണ് സംഘടിപ്പിക്കുന്നത്, വിനിമയം ചെയ്യാനുള്ള സന്ദേശം എന്താണ്  തുടങ്ങിയ കാര്യങ്ങൾ ചോദ്യ ടെക്സ്റ്റിൽ നിന്ന് വായിച്ചെടുക്കാം. അനുയോജ്യമായ കാര്യങ്ങൾ കൂട്ടിച്ചേർത്ത് ആകർഷകമാക്കാം, ചിത്രം വിലയിരുത്തൽ സൂചകങ്ങളിൽ പരിഗണിക്കുന്നില്ല)
  • വാക്യങ്ങൾ സംക്ഷിപ്തവും ആശയവ്യക്തതയുള്ളവയുമാകണം.
  • വാക്യങ്ങളെ പ്രാധാന്യമനുസരിച്ച് ആകർഷകമായി ക്രമീകരിച്ചിരിക്കണം.


मंगलवार, 2 अगस्त 2022

पैनल चर्चा : शिक्षण प्रक्रिया के रूप में


पैनल चर्चा

पैनल चर्चा में कुछ लोग दर्शकों के सामने बातचीत करते हैं। प्रत्येक प्रतिभागियों को निर्देशात्मक स्थितियों में चर्चा का समान अवसर प्रदान किया जाता है। पैनल चर्चा एक विशिष्ट प्रारूप है जिसका उपयोग बैठक या सम्मेलनों में किया जाता है। यह एक शिक्षण तंत्र भी है, जो द्‍‍वितीय भाषा सीखने में बहुत मददगार है।
  • यह विचारों और संवाद को उत्‍‍तेजित करता है और सोच को स्पष्ट करता है।
  • यह तथ्यों, राय और योजनाओं को प्रभावित करता है।
  • यह दर्शकों की खुले मन की प्रस्तुति एवं सम्मान को प्रभावित करता है।
  • यह चर्चा को प्रोत्साहित करने में और सामूहिक राय विकसित करने में सहायक हो सकता है।

पैनल चर्चा की विशेषताएँ

  1. शिक्षण प्रक्रिया को प्रतिक्रियात्मक रूप में व्यवस्थित करनेवाली है।
  2. समस्या समाधान की क्षमता विकसित करनेवाली है।
  3. चर्चा की प्रकृति, समस्या और विषय को समझने में मददगार है।
  4. विषय की प्रस्तुति की क्षमता विकसित करनेवाली है।
  5. रचनात्मक सोच विकसित करने में मददगार है।
  6. सही दृष्टिकोण विकसित करने में सहायक है।

पैनल चर्चा के सदस्य

  1. निर्देशक या आयोजक
  2. मध्यस्थ
  3. पैनलिस्ट अथवा विषय विशेषज्ञ
  4. दर्शक या श्रोतागण

पैनल चर्चा - आयोजक

  • आयोजक पैनल चर्चा में अहम भूमिका निभाता है।
  • यह निश्‍चित करता है कि पैनल चर्चा की योजना कैसे, कब और कहाँ आयोजित की जाए।
  • पैनल चर्चा के लिए कार्यक्रम तैयार करता है।
  • पूर्वाभ्यास की भी योजना बनाता है।

पैनल चर्चा - मध्यस्थ

  • विषय पर बातचीत ज़ारी रखता है और सदस्यों के बीच की बातचीत को प्रोत्साहित करता है।
  • मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डालता है और संक्षिप्तीकरण करता है।
  • मध्यस्थ का चर्चा का विषय या समस्या पर महारथ होना ज़रूरी है।

पैनल चर्चा - विषय विशेषज्ञ

  • चर्चा में 4 से 10 विषय विशेषज्ञ हों।
  • दर्शकों के सामने अकसर अर्ध वृत्‍‍ताकार में बैठे जाते हैं।
  • मॉडरेटर पैनलिस्ट के बीच में बैठता है।
  • सभी पैनलिस्टस विषय पर विशेष ज्ञान रखनेवाले हों।

पैनल चर्चा - दर्शक

  • दर्शकों को प्रश्‍न पूछने या स्पष्टीकरण माँगने की अनुमति है।
  • अपने अनुभवों के आधार पर विषय संबंधी अपना दृष्टिकोण पेश कर सकते हैं।
  • पैनलिस्ट दर्शकों की शंकाओं का समाधान करते हैं।

पैनल चर्चा - आयोजन कैसे

1. एक विषय चुनें।
2. वैविध्यपूर्ण प्रतिभागियों को चुनें।
3. एक मॉडरेटर को आमंत्रित करें।
4. भौतिक व्यवस्था की योजना बनाएँ।

पैनल चर्चा - योजना

1. पैनल के लक्ष्यों की जानकारी दें।
2. तय करें कि पैनल चर्चा कितने समय तक चलेगी।
3. व्यक्‍तिगत व्याख्यान से शुरू करने पर विचार करें।
4. दृश्य प्रस्तुतियों (visual presentation) से बचने की कोशिश करें।
5. पैनल के लिए प्रश्‍न तैयार करें।
6. बाकी पैनल की योजना बनाएँ।
7. पैनलिस्टों को पहले से आपसी परिचय कराएँ।

मध्यस्थ की भूमिका

1. दर्शकों को सामनेवाली सीट पर बैठने को कहें।
2. संक्षेप में पैनलिस्ट और प्रत्येक प्रतिभागी का परिचय दें।
3. दर्शकों को भागीदारी पहले से ही सुनिश्‍चित करें।
4. तैयार रखे प्रश्‍न विषय विशेषज्ञों से पूछें।
5. आवश्यकतानुसार खुद का प्रश्‍न भी करें।
6. एक घड़ी (time keeper) साथ रखें।
7. पैनलिस्टों को चर्चा में संलग्न रखें।
8. दर्शकों के प्रश्‍नों को आमंत्रित करें।
9. सभी भागीदारों को शुक्रिया अदा करें।

पैनल चर्चा से लाभ

शिक्षा की सामाजिक परिप्रेक्ष्य को प्रोत्साहित करता है।
उच्च संज्ञानात्मक और प्रभावशाली उद्‍‍देश्यों की प्राप्ति संभव है।
समस्या समाधान और तार्किक सोच की क्षमता विकसित करने के लिए उपयोगी है।
दूसरों के विचारों और भावनाओं को मानने की क्षमता का तथा सम्मान करने की क्षमता का विकास होता है।
यह विषय और सामग्री को आत्मसात करने का अवसर प्रदान करता है।

संवाद : एक शिक्षण तंत्र के रूप में



संवाद : एक शिक्षण तंत्र के रूप में

शिक्षण के क्षेत्र में संवाद एक सामूहिक गतिविधि है जिसमें शिक्षक और छात्र समस्या को परिभाषित करते हैं और उसका समाधान तलाशते हैं। इसे ज्ञाननिर्माण की एक प्रक्रिया के रूप में भी वर्णित किया गया है जिसमें सुनने, सोचने के साथ-साथ छात्र की बोलने तथा लिखने की क्षमताएँ शामिल हैं।

संवाद की तैयारी एवं संचालन

सोपान :

1. अभिविन्यास (Orientation)
2. संलग्नता (Engagement)
3. व्याख्या / विवरण (Debrief)

अभिविन्यास

  • चर्चा का विषय प्रदान करें।
  • प्रश्‍न का स्पष्ट वर्णन करें‍।
  • छात्रों को समझाएँ कि संवाद के लिए तैयारी कैसे करनी है।
  • बताएँ कि संवाद कैसे आयोजित किया जाए।
  • छात्रों को सोचने के लिए प्रेरित किया जाए।

संलग्नता

संलग्नता बनाए रखने के लिए निम्नांकित बातों पर ध्यान दे :
  • अनुकूल वातावरण विकसित करें।
  • संवाद पर ध्यान केंद्रित करने के लिए स्पष्ट प्रश्‍न प्रस्तुत करें।
  • यदि आवश्यक हो तो छात्रों की मदद करें।
  • प्रत्येक छात्र से प्रश्‍न का उत्‍तर मिलने की प्रतीक्षा करें।
  • छात्रों की प्रगति को दर्ज करके रखें।
  • छात्रों को अपने नोट्स बनाने के लिए समय दें।
  • जो सीखते हैं उस पर प्रतिक्रिया करने की सुविधा छात्रों को प्रदान करें।

सैद्‍‍धांतिक दृष्टिकोण

सैद्‍धांतिक विचारों के अनुसार संवाद कार्य को सफल बनाने के लिए निम्नांकित बातों पर बल देने की ज़रूरत है:
  • उद्‍‍देश्य सभी प्रतिभागियों को स्पष्ट रूप से समझा जाना चाहिए।
  • शिक्षक को मार्गदर्शन के लिए एक सूत्रधार के रूप में सावधानीपूर्वक तैयारी करनी चाहिए।
  • प्रश्‍नों की रूपरेखा सावधानी से तैयार की जानी चाहिए।
  • सभी सदस्यों को तैयार होकर आना चाहिए; क्यों कि संवाद के विषय पर उन्हें सामान्य जानकारी रहे।
  • दल के नेता कार्यक्रमों का मार्गदर्शन करें और कार्यक्रम का समन्वय करें ताकि संवाद को मुख्य बिंदु पर केंद्रित रखा जा सके।
  • संवाद के मुख्य मुद्‍‍दों को लिखकर रखें / रिकॉर्ड करें।
  • दल के प्रत्येक सदस्य को भाग लेने के लिए स्वतंत्रा महसूस होना चाहिए और एक शर्मीले छात्र को भी योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
  • संवाद एक रिपोर्ट के साथ समाप्त होना चाहिए।

विचार मंथन / Brainstorming : शिक्षण-अधिगम में इसकी भूमिका


विचार मंथन / मस्तिष्क विप्लव / ब्राइन स्टॉर्मिंग क्या है?

    विचार-मंथन एक बड़े या छोटे दल में चलाने योग्य गतिविधि है जो छात्रों को किसी विषय पर ध्यान केंद्रित करने और अपने विचारों को स्वतंत्र रूप से प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित करने योग्य शिक्षण तंत्र है। शिक्षक कोई प्रश्‍न या समस्या प्रस्तुत करके या किसी विषय का परिचय देकर विचार-मंथन सत्र शुरू कर सकता है। छात्र तब संभावित उत्‍तर, प्रासंगिक शब्द और विचार व्यक्‍त करते हैं। छात्रों के विचार या आशय किसी आलोचना या निर्णय के बिना स्वीकार किए जाते हैं और आम तौर पर छात्रों के विचार या आशय शिक्षक द्‍‍वारा श्यामपट /चार्ट / व्हाइटबोर्ड पर सारांशित किया जाता है। फिर इन विचारों की जांच आमतौर पर आम कक्षा में की जाती है।

विचार-मंथन प्रक्रिया का उपयोग क्यों करें?

विचारों को व्यक्‍त करके और दूसरों की बातों को सुनकर, छात्र अपने पूर्व ज्ञान या समझ को समायोजित करते हैं, नई जानकारी को समायोजित करते हैं और विचारों के स्तर को बढ़ाते हैं। विचार-मंथन के मुख्य उद्देश्य हैं:
छात्रों का ध्यान किसी विशेष विषय पर केंद्रित करना।
बेहतर सोच को उत्पन्‍न करना।
व्यक्‍तिगत विभिन्‍नताओं को मानने और सम्मान करने को सिखाना।
शिक्षार्थियों को अपने विचार व्यक्‍त करने और विचारों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित करना।
छात्रों को यह समझाना कि उनके ज्ञान और उनकी भाषाई क्षमताओं को महत्व दिया जाता है और स्वीकार किया जाता है।
लेखन या समस्याओं को हल करने जैसे कार्यों को शुरू करने से पहले तत्संबंधी विचार इकट्‍‍ठा करने के अभ्यास का परिचय देना।
छात्रों को एक दूसरे के योगदान के आधार पर विचारों को साझा करने और अपने मौजूदा ज्ञान का विस्तार करने का अवसर प्रदान करना।

प्रभावी विचार-मंथन: कैसे?

1) एक छोटे या बड़े दल में एक नेता और एक लेखक (scribe) का चयन करें (या यह शिक्षक हो सकता है)।

2) विचार-मंथन की जाने वाली समस्या या विचार को परिभाषित करें। यह सुनिश्‍चित करें कि हर किसी को खोजे जानेवाले विषय पर स्पष्टता है।

3) सत्र के लिए नियम निर्धारित करें। उनमें ये बातें शामिल होनी चाहिए: नेता को नियंत्रण करने देना।
  • सभी को योगदान करने की अनुमति।
  • सभी विचारों के एकत्रित होने तक विचारों का विश्‍लेषण या मूल्यांकन स्थगित करना।
  • सभी प्रतिक्रियाओं की वैधता को सुनिश्‍चित करना।
  • दुहराव की संभावना न होने के लिए प्रत्येक उत्‍तर को बोर्ड पर लिखना या रेकोर्ड करना।
  • एक समय सीमा निर्धारित करना और निर्धारित समय पर समाप्त करना।
4) विचार-मंथन शुरू करें। अपने विचार साझा करने के लिए समूह के सदस्यों का चयन करने के लिए नेता से कहें। यथासंभव सभी प्रतिक्रियाओं को लिख लेना चाहिए ताकि हर कोई उन्हें देख सके। सुनिश्‍चित करें कि विचार-मंथन पूर्ण होने तक किसी भी उत्‍तर का मूल्यांकन या आलोचना न करें।
5) एक बार जब आप विचार-मंथन समाप्त कर लें, तो परिणामों को देखें और प्रतिक्रियाओं का विश्‍लेषण करें।

6) प्रतिक्रियाओं की जांच करते समय इन बातों पर ध्यान दें: कोई उत्‍तर दोहराया गया हो या समान हो। समान अवधारणाओं को सम्मिलित करें। अनुचित प्रतिक्रियाओं को मिटा दें।
7) विचारों के संक्षिप्तीकरण के बाद शेष प्रतिक्रियाओं पर दल में चर्चा करें।
शिक्षक के लिए यह महत्वपूर्ण है:
  • चर्चा के लिए ऊष्मल, सहायक वातावरण बनाए रखें।
  • विचारों की गुणवत्‍ता के बजाय मात्रा लक्ष्य है, और छात्रों को नियत सीमा से बाहर विशाल सोच के लिए प्रोत्साहित करें।
  • विचार एकत्र करते वक्‍त साथियों का मूल्यांकन या आलोचनात्मक टिप्पणियों को हतोत्साहित करें।
  • सभी छात्रों को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें और अवसर प्रदान करें।
  • शुरू में व्यक्‍त विचारों को सुनने पर जोर दें, और अभिव्यक्‍त विचारों को बॉर्ड / चार्ट पर लिखें या रेकोर्ड करें ताकि दल के सभी सदस्य ये पढ़ सकें या इससे अवगत हो जाएँ।

विचार-मंथन का अनुकूलन कैसे?

  • इस प्रक्रिया का उपयोग कक्षा गतिविधियों में करें।
  • वैयक्‍तिक एवं दलीय विचार-मंथन का उपयोग परियोजनाओं या प्रदत्‍तकार्यों के लेखन पूर्व विषय पर सोचने के लिए कर सकते हैं।
  • विचार-मंथन से निकले शब्दों, विचारों और सुझावों को वर्गीकृत करें।


रविवार, 11 अक्टूबर 2020



बीरबहूटी कहानी के दूसरे अंश पर आधारित गतिविधि। वीडियो क्लास देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें।

 

शनिवार, 3 अक्टूबर 2020

 पक्षी और दीमक पटकथा कैसे लिखें।

केरल पाठ्यचर्या की पुस्तिका की कहानी पक्षी और दीमक के प्रसंग पर पटकथा कैसे लिखें। वीडियो क्लास देखने के लिए ऊपर के लिंक पर या चित्र पर क्लिक करें।

New Teachers Handbook _ Hindi_ IX _Kerala Hindi Reader IX

2024 ൽ SCERT പ്രസിദ്ധീകരിച്ച ഒമ്പതാം ക്ലാസ് ഹിന്ദി പാഠപുസ്തകത്തിൻറെ ടീച്ചർ ടെക്സ്റ്റ് പൂർണമായും ലഭിക്കാൻ താഴെയുള്ള ലിങ്കിൽ ക്ലിക്ക് ചെയ്യുക....