पैनल चर्चा
पैनल चर्चा में कुछ लोग दर्शकों के सामने बातचीत करते हैं। प्रत्येक प्रतिभागियों को निर्देशात्मक स्थितियों में चर्चा का समान अवसर प्रदान किया जाता है। पैनल चर्चा एक विशिष्ट प्रारूप है जिसका उपयोग बैठक या सम्मेलनों में किया जाता है। यह एक शिक्षण तंत्र भी है, जो द्वितीय भाषा सीखने में बहुत मददगार है।- यह विचारों और संवाद को उत्तेजित करता है और सोच को स्पष्ट करता है।
- यह तथ्यों, राय और योजनाओं को प्रभावित करता है।
- यह दर्शकों की खुले मन की प्रस्तुति एवं सम्मान को प्रभावित करता है।
- यह चर्चा को प्रोत्साहित करने में और सामूहिक राय विकसित करने में सहायक हो सकता है।
पैनल चर्चा की विशेषताएँ
- शिक्षण प्रक्रिया को प्रतिक्रियात्मक रूप में व्यवस्थित करनेवाली है।
- समस्या समाधान की क्षमता विकसित करनेवाली है।
- चर्चा की प्रकृति, समस्या और विषय को समझने में मददगार है।
- विषय की प्रस्तुति की क्षमता विकसित करनेवाली है।
- रचनात्मक सोच विकसित करने में मददगार है।
- सही दृष्टिकोण विकसित करने में सहायक है।
पैनल चर्चा के सदस्य
- निर्देशक या आयोजक
- मध्यस्थ
- पैनलिस्ट अथवा विषय विशेषज्ञ
- दर्शक या श्रोतागण
पैनल चर्चा - आयोजक
- आयोजक पैनल चर्चा में अहम भूमिका निभाता है।
- यह निश्चित करता है कि पैनल चर्चा की योजना कैसे, कब और कहाँ आयोजित की जाए।
- पैनल चर्चा के लिए कार्यक्रम तैयार करता है।
- पूर्वाभ्यास की भी योजना बनाता है।
पैनल चर्चा - मध्यस्थ
- विषय पर बातचीत ज़ारी रखता है और सदस्यों के बीच की बातचीत को प्रोत्साहित करता है।
- मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डालता है और संक्षिप्तीकरण करता है।
- मध्यस्थ का चर्चा का विषय या समस्या पर महारथ होना ज़रूरी है।
पैनल चर्चा - विषय विशेषज्ञ
- चर्चा में 4 से 10 विषय विशेषज्ञ हों।
- दर्शकों के सामने अकसर अर्ध वृत्ताकार में बैठे जाते हैं।
- मॉडरेटर पैनलिस्ट के बीच में बैठता है।
- सभी पैनलिस्टस विषय पर विशेष ज्ञान रखनेवाले हों।
पैनल चर्चा - दर्शक
- दर्शकों को प्रश्न पूछने या स्पष्टीकरण माँगने की अनुमति है।
- अपने अनुभवों के आधार पर विषय संबंधी अपना दृष्टिकोण पेश कर सकते हैं।
- पैनलिस्ट दर्शकों की शंकाओं का समाधान करते हैं।
पैनल चर्चा - आयोजन कैसे
1. एक विषय चुनें।2. वैविध्यपूर्ण प्रतिभागियों को चुनें।
3. एक मॉडरेटर को आमंत्रित करें।
4. भौतिक व्यवस्था की योजना बनाएँ।
पैनल चर्चा - योजना
1. पैनल के लक्ष्यों की जानकारी दें।2. तय करें कि पैनल चर्चा कितने समय तक चलेगी।
3. व्यक्तिगत व्याख्यान से शुरू करने पर विचार करें।
4. दृश्य प्रस्तुतियों (visual presentation) से बचने की कोशिश करें।
5. पैनल के लिए प्रश्न तैयार करें।
6. बाकी पैनल की योजना बनाएँ।
7. पैनलिस्टों को पहले से आपसी परिचय कराएँ।
मध्यस्थ की भूमिका
1. दर्शकों को सामनेवाली सीट पर बैठने को कहें।2. संक्षेप में पैनलिस्ट और प्रत्येक प्रतिभागी का परिचय दें।
3. दर्शकों को भागीदारी पहले से ही सुनिश्चित करें।
4. तैयार रखे प्रश्न विषय विशेषज्ञों से पूछें।
5. आवश्यकतानुसार खुद का प्रश्न भी करें।
6. एक घड़ी (time keeper) साथ रखें।
7. पैनलिस्टों को चर्चा में संलग्न रखें।
8. दर्शकों के प्रश्नों को आमंत्रित करें।
9. सभी भागीदारों को शुक्रिया अदा करें।
पैनल चर्चा से लाभ
शिक्षा की सामाजिक परिप्रेक्ष्य को प्रोत्साहित करता है।उच्च संज्ञानात्मक और प्रभावशाली उद्देश्यों की प्राप्ति संभव है।
समस्या समाधान और तार्किक सोच की क्षमता विकसित करने के लिए उपयोगी है।
दूसरों के विचारों और भावनाओं को मानने की क्षमता का तथा सम्मान करने की क्षमता का विकास होता है।
यह विषय और सामग्री को आत्मसात करने का अवसर प्रदान करता है।
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