मंगलवार, 2 अगस्त 2022

विचार मंथन / Brainstorming : शिक्षण-अधिगम में इसकी भूमिका


विचार मंथन / मस्तिष्क विप्लव / ब्राइन स्टॉर्मिंग क्या है?

    विचार-मंथन एक बड़े या छोटे दल में चलाने योग्य गतिविधि है जो छात्रों को किसी विषय पर ध्यान केंद्रित करने और अपने विचारों को स्वतंत्र रूप से प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित करने योग्य शिक्षण तंत्र है। शिक्षक कोई प्रश्‍न या समस्या प्रस्तुत करके या किसी विषय का परिचय देकर विचार-मंथन सत्र शुरू कर सकता है। छात्र तब संभावित उत्‍तर, प्रासंगिक शब्द और विचार व्यक्‍त करते हैं। छात्रों के विचार या आशय किसी आलोचना या निर्णय के बिना स्वीकार किए जाते हैं और आम तौर पर छात्रों के विचार या आशय शिक्षक द्‍‍वारा श्यामपट /चार्ट / व्हाइटबोर्ड पर सारांशित किया जाता है। फिर इन विचारों की जांच आमतौर पर आम कक्षा में की जाती है।

विचार-मंथन प्रक्रिया का उपयोग क्यों करें?

विचारों को व्यक्‍त करके और दूसरों की बातों को सुनकर, छात्र अपने पूर्व ज्ञान या समझ को समायोजित करते हैं, नई जानकारी को समायोजित करते हैं और विचारों के स्तर को बढ़ाते हैं। विचार-मंथन के मुख्य उद्देश्य हैं:
छात्रों का ध्यान किसी विशेष विषय पर केंद्रित करना।
बेहतर सोच को उत्पन्‍न करना।
व्यक्‍तिगत विभिन्‍नताओं को मानने और सम्मान करने को सिखाना।
शिक्षार्थियों को अपने विचार व्यक्‍त करने और विचारों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित करना।
छात्रों को यह समझाना कि उनके ज्ञान और उनकी भाषाई क्षमताओं को महत्व दिया जाता है और स्वीकार किया जाता है।
लेखन या समस्याओं को हल करने जैसे कार्यों को शुरू करने से पहले तत्संबंधी विचार इकट्‍‍ठा करने के अभ्यास का परिचय देना।
छात्रों को एक दूसरे के योगदान के आधार पर विचारों को साझा करने और अपने मौजूदा ज्ञान का विस्तार करने का अवसर प्रदान करना।

प्रभावी विचार-मंथन: कैसे?

1) एक छोटे या बड़े दल में एक नेता और एक लेखक (scribe) का चयन करें (या यह शिक्षक हो सकता है)।

2) विचार-मंथन की जाने वाली समस्या या विचार को परिभाषित करें। यह सुनिश्‍चित करें कि हर किसी को खोजे जानेवाले विषय पर स्पष्टता है।

3) सत्र के लिए नियम निर्धारित करें। उनमें ये बातें शामिल होनी चाहिए: नेता को नियंत्रण करने देना।
  • सभी को योगदान करने की अनुमति।
  • सभी विचारों के एकत्रित होने तक विचारों का विश्‍लेषण या मूल्यांकन स्थगित करना।
  • सभी प्रतिक्रियाओं की वैधता को सुनिश्‍चित करना।
  • दुहराव की संभावना न होने के लिए प्रत्येक उत्‍तर को बोर्ड पर लिखना या रेकोर्ड करना।
  • एक समय सीमा निर्धारित करना और निर्धारित समय पर समाप्त करना।
4) विचार-मंथन शुरू करें। अपने विचार साझा करने के लिए समूह के सदस्यों का चयन करने के लिए नेता से कहें। यथासंभव सभी प्रतिक्रियाओं को लिख लेना चाहिए ताकि हर कोई उन्हें देख सके। सुनिश्‍चित करें कि विचार-मंथन पूर्ण होने तक किसी भी उत्‍तर का मूल्यांकन या आलोचना न करें।
5) एक बार जब आप विचार-मंथन समाप्त कर लें, तो परिणामों को देखें और प्रतिक्रियाओं का विश्‍लेषण करें।

6) प्रतिक्रियाओं की जांच करते समय इन बातों पर ध्यान दें: कोई उत्‍तर दोहराया गया हो या समान हो। समान अवधारणाओं को सम्मिलित करें। अनुचित प्रतिक्रियाओं को मिटा दें।
7) विचारों के संक्षिप्तीकरण के बाद शेष प्रतिक्रियाओं पर दल में चर्चा करें।
शिक्षक के लिए यह महत्वपूर्ण है:
  • चर्चा के लिए ऊष्मल, सहायक वातावरण बनाए रखें।
  • विचारों की गुणवत्‍ता के बजाय मात्रा लक्ष्य है, और छात्रों को नियत सीमा से बाहर विशाल सोच के लिए प्रोत्साहित करें।
  • विचार एकत्र करते वक्‍त साथियों का मूल्यांकन या आलोचनात्मक टिप्पणियों को हतोत्साहित करें।
  • सभी छात्रों को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें और अवसर प्रदान करें।
  • शुरू में व्यक्‍त विचारों को सुनने पर जोर दें, और अभिव्यक्‍त विचारों को बॉर्ड / चार्ट पर लिखें या रेकोर्ड करें ताकि दल के सभी सदस्य ये पढ़ सकें या इससे अवगत हो जाएँ।

विचार-मंथन का अनुकूलन कैसे?

  • इस प्रक्रिया का उपयोग कक्षा गतिविधियों में करें।
  • वैयक्‍तिक एवं दलीय विचार-मंथन का उपयोग परियोजनाओं या प्रदत्‍तकार्यों के लेखन पूर्व विषय पर सोचने के लिए कर सकते हैं।
  • विचार-मंथन से निकले शब्दों, विचारों और सुझावों को वर्गीकृत करें।


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